पिछले कुछ दिनों से सभी सेक्टर में मंदी का माहौल दिख रहा हैं। हालाकि बड़े बड़े कंपनी के शेअर भी गिर रहे हैं। साथ साथ कुछ बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों को भारी नुकसान हुआ हैं। और वो अभी भी घाटे में चल रही हैं। और बहुत सारी कंस्ट्रक्शन कंपनियों को ताला भी लग चुका हैं। और कई सारे नए कॉन्ट्रेक्टर ने अपना धंदा  बंद कर दिया हैं। या और कुछ इनकम का रास्ता न होने के कारण घाटे का सामना करके भी काम कर रहे हैं।



वैसे देखा जाये तो कंस्ट्रक्शन का मार्केट 2014 से नीचे उतर रहा हैं। क्योंकि भारत मे सरकार बदल गयी थी। वैसे देखा जाए तो सरकार बदलने का कंस्ट्रक्शन मार्केट पर कुछ असर नही होना चाहिए था। लेकिन ऐसा हुआ है। नए सरकार ने कुछ सख्त कदम उठाए उसका परिणाम सभी क्षेत्रों पर हुआ हैं यह आपको भी पता हैं। लेकिन उसका आगे जाने के बाद बहुत बड़ा फायदा होगा।

कंस्ट्रक्शन मार्केट में मंदी या रिषेशन आने के कुछ मुख्य कारण



नोटबन्दी :

8 नवम्बर 2016 को नया सरकार ने यह फैसला लिया कि 1000, और 500 के नोट चालान से बाहर होंगे। इसका सीधा असर कॅश में व्यवहार करनेवाले छोटे छोटे कॉन्ट्रेक्टर, छोटे बिल्डर और डेवलपर पर हो गया। नोटबन्दी की वजह से छोटे कॉन्ट्रेक्टर का धंदा बैठ गया। जो लेबर कॉन्ट्रेक्टर हुआ करते थे उनका काम रुक गया। उसका और एक अच्छा परिणाम भी दिख गया कि, बहुत सारे कॉन्ट्रेक्टर के पुराने थके हुए बिल भी मिल गए। लेकिन नोटबन्दी के के बाद सब कुछ लीगल होने की वजह से छोटे बिल्डर ने अपना काम स्लो कर दिए औए कुछ लोंगो ने बंद भी कर दिया।




रेरा :

1 मई 2017 से सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर में एक नया कानून लाया रेरा : रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट, जो हर एक बिल्डर और डेवलपर को अनिवार्य कर दिया। इसकी वजह से छोटे डेवलपर और बिल्डर को छोटे छोटे काम करने में दिक्कत आने लगी, और सब नए नियम का अनुपालन करने में लग गए। अब कंस्ट्रक्शन सेक्टर में अच्छे बिल्डर और डेवलपर ही टिके रहेंगे। छोटे बिल्डर्स को अगर काम करना हैं रेरा अनिवार्य हैं।





जी एस टी:

नए सकरन ने 1 जुलाई 2017 को वन नेशन वन टैक्स के लिए जी एस टी इस नए टैक्स सिस्टम की शुरुवात की, और पुर मार्किट में एक हड़कंप मच गया लेकिन कुछ सुधार और सरकार की तरफ से सहायता करने के बाद यह कानून अच्छा काम करने लगा, लेकिन शुरू में इसकी वजह बिल्डर, डेवलपर और कॉन्ट्रेक्टर को बहुत ही बड़ा झटका लगा था। क्योंकि हर एक काम और हर एक मटेरिअल पर जी एस टी लग रहा था। और उसका रिटर्न्स हर महीने में करना पड़ता हैं। पहले साल में एक बार ही रिटर्न्स करने पड़ते थे लेकिन जी एस टी में व्यवहार का स्पीड बढ़ाकर महीने के एक बार कर दिया गया हैं। इसकी वजह से ज्यादा हेराफेरी नही कर सकते।





ऑटोमोबाइल सेक्टर:

सब कुछ लीगल व्यवहार होने की वजह से सरकार या इनकम टैक्स विभाग की हर एक व्यवहार पर कड़ी नजर हैं। इसलिए हर एक इंसान गाड़ी खरीदने से पहले सौ बार सोचता हैं। साथ ही साथ महंगाई भी दिन ब दिन बढ़ रही हैं। इस कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी मंदी आ गई हैं। हर एक कंपनी अपना स्टाफ कम कर रही हैं। पिछले ही महीने मारुती सुजुकी सेल में काफी गिरावट होने से लगभग 1000 लोगों को कम कर दिया। साथ ही साथ अपने शोरूम भी बंद कर रही हैं। टाटा मोटर्स ने भी अपना प्रोडक्शन कम लर दिया हैं। यह एक बड़े मंदी आने का संकेत हैं।





आईटी सेक्टर :

भारत में बहुत सारी आईटी कंपनियां मल्टीनेशनल हैं। और लगभग सभी शहरों में आईटी हब तैयार हो चुका हैं। उसका सभी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हैं। सभी कर्मचारी भी लगभग भरे हुए हैं। लेकिन जो फ्रेशर इंजीनियर हैं उनको जॉब मिलने के लिए बहुत तकलीफ हो रही हैं। इस कारण सैलरी पैकेज भी पहले से कम मिल रहे हैं। लेकिन मजबूरी में नए इंजीनियर कम पैकेज में भी काम कर रहे हैं। टेक महिंद्रा, इंफोसिस, टीसीएस, आईबीएम, ऐसे कई सारे बड़ी कंपनी का इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से ही रेडी हो चुका हैं।





रियल एस्टेट:

साल 2008 से 2014 इन 6 सालो रियल एस्टेट का मार्केट इतना फ़ास्ट ग्रो होगया हैं की हर सिटी का चेहरा बदल से गया हैं। हर बड़ी सिटी में उसके साथ साथ इंफ्रास्ट्रक्चर का भी डेवलोपमेन्ट लगभग पूरा हुआ हैं। लेकिन पिछले 6 -7 साल में जितने बिल्डिंग बनाके पूरे हुए हैं वो अभी तक पूरी तरह से बिके नही हैं। बहुत सारे बिल्डर और डेवलपर वही बेचने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि नए नियम बहुत कठोर और सख्त हो गए हैं। सभी बिल्डर और डेवलपर प्रॉपर्टी के दाम कम  करके बने हुये रेडी पजेसेशन फ्लैट और दुकान बेचने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सब कायदे कानून सख्त होने के करण महंगाई भी बढ़ रही है। साथ ही साथ आईटी सेक्टर में सब इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा होने के कारण नए प्रोजेक्ट भी थोड़े कम कम हुए हैं उसके साथ जॉब भी कम होने के कारण हर कोई रियल एस्टेट में पैसा डालने के पहले सौ बार सोच रहा हैं। आज जो रियल एस्टेट के रेट हैं वो आज भी 4 साल पहले के हैं। इधर महंगाई बढ़ रही हैं लेकिन बाकी सब सेक्टर में मंदी होने के कारण रियल एस्टेट भी मंदी में चल रहा हैं। आज भारत मे 6 शहरों में लगभग 4.50लाख से ज्यादा घर पहले ही बन चुके हैं। यह एक प्राथमिक आंकड़ा हैं। सच मे और ज्यादा हो सकते हैं।

कुछ विशेषज्ञ का कहना हैं कि रियल एस्टेट में तेजी आने के लिए लगभग 2 साल का इन्तेजार करना पड़ेगा। उनका यह कहना हैं कि हर एक सेक्टर में तेजी आने के बाद ही कंस्ट्रक्शन सेक्टर में तेजी अति हैं क्योंकि हर कोई इंडस्ट्री अगर बढ़ रही हैं तो उनको नए कंस्ट्रक्शन नए इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती हैं। तभी सब जॉब खुले होते होते हैं और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में तेजी आति है।

अब यही गुजारिश हैं कि सब सेक्टर में जल्दी से जल्द तेजी आये और कंस्ट्रक्शन सेक्टर जल्द से जल्द रिकवर हो जाये।





Team
CBEC India