वॉटरप्रूफिंग के लिए तोड़फोड़ करने से पहले करे ये काम, नही तो होगा नुकसान।



जब किसी के घर मे लीकेज शुरू होता हैं। तो पहले वो मेंटली डिस्टर्ब हो जाता हैं। हर किसी का ऐसा ही हाल होता हैं। उसके बबाद सबसे बड़ा खतरा यह होता कि। लीकेज हैं तो हैं कहा। अगर उसको ढूंढना हैं तो सब तोड़फोड़ करना पड़ेगा। तोड़फोड़ करना मतलब सब काम को दोबारा करना पड़ेगा। पैसे की बर्बादी होगी। हर एक बंदे के मन मे यही खयाल आता हैं।

लेकिन आज हम कुछ ऐसे विषय पर बात करनेवाले हैं जिससे आपको कम से कम 70% से 90% तर फायदा होगा। और नुकसान भी कम होगा। तोड़फोड़ भी कम होगी, और मटेरियल, टाइम की बचत होगी।

अगर आपका घर या फ्लैट 10 साल तक पुरानी सोसायटी में हैं तो सोसायटी के डेवलोपमेन्ट करनेवाले बिल्डर को संपर्क करे, और उनसे उस वॉटरप्रूफिंग कांट्रेक्टर का 10 साल या 5 साल की गारंटी के बारे में पूछ लीजिये, और उसी कांट्रेक्टर से रिपेयर करने की कोशिश करिये। लेकिन आपका लीकेज इंटीरियर या आपके किसी गलती या बदलाव करने से नही होना चाहिए। अगर ऐसा रहेगा तो ओ आपसे अलग पैसे लेगा।

अगर आपकी सोसायटी 10 सालसे ज्यादा पुरानी हैं तो आपको सब खर्चा करना पड़ेगा। क्योंकि आपके इमारत या बंगलो की वटरप्रूफिंग की गारंटी खत्म हुई हैं। अब आपको वॉटरप्रूफिंग कांट्रेक्टर ढूंढना पड़ेगा। इसलिए आप हमारे वेबसाइट www. cbecindia.com/contractor पे आपके मनचाहा कांट्रेक्टर ढूंढ सकते हैं। और दिए गए कांटेक्ट नंबर के ऊपर फ़ोन करके उनसे कोटेशन मंगवा सकते हैं।



अगर अपने आपके घर में हो रही पानी की लीकेज बंद करने के लिए कांट्रेक्टर ढूंढ लिया है। तो आपको अभी आगे कि सभी स्टेप ध्यान से पढ़नी पड़ेगी।

कैसे भी करके लीकेज को तो बंद करना पड़ेगा। सबसे पहले आपको पता चलना चाहिए ना, की सच मे लीकेज कैसे ढूंडा जा सकता हैं। कुछ ऐसी चीजें हम बताने वाले हैं उसके बाद आप खुद चेक कर सकते हैं कि असल मे लीकेज कहा हो सकता हैं।

नीचे कुछ ऐसे पॉइंट दिए हैं, जिससे हम आसानीसे से लीकेज ढूंढ सकते हैं। और उसको काम से कम खर्चे में रिपेयर कर सकते हैं।


लीकेज के 6 प्रकार के होते हैं।

1 इनलेट पाइप से होनेवाला लीकेज:

इस प्रकार के लीकेज में एकबार लीकेज सुरु हो गया तो वो बंद नही होता। बढ़ता ही रहता हैं। अगर लीकेज दीवार पे दिख रहा है तो पूरी दीवार गीली दिखती है। या कहिसे पानी टपकता हैं तो वो बंद नही होता है। 24 घंटे टपकता है। इसप्रकार के लीकेज ज्यादातर इनलेट मतलब जिस पाइप से पानी अंदर आता हैं उसी में होता हैं। कभी कभी ओ पाइप क्रैक होता है या ज्यादा प्रेशर की वजह से जॉइंट लूज होते हैं। और वही से पानी आता हैं। इसमे शॉवर, गीज़र, बेसिन में आनेवाले पानी के पाइप का नाम आता हैं।

2 आउटलेट पाइप से होनेवाले लीकेज:

इस प्रकार के लीकेज में जहां से लीकेज हो रहा हैं वह जगह कभी गीली और कभी सुखी हो जाती हैं। जहासे पानी टपकता हैं वह कभी चालू होता हैं और कभी बंद हो जाता हैं। मतलब लीकेज हर बार नही होता है। इस प्रसार के लीकेज पानी का इस्तेमाल करने के बाद बाहर जाने वाले पाइप में रहता हैं। इसमे बाथरूम का ट्रैप, बेसिन का आउटलेट, कमोड का पाइप का नाम आता हैं।

3 ट्रैप को चेक करके देखना : 

बाथरुम में पानी छोड़के नहानी ट्रैप को साफ करके नहानी ट्रैप को अंदर साइड में बैटरी से चेक करें। उसमे अगर कोई छेद होगा। तो वही लीकेज का कारण हो सकता हैं। आप कोई प्लम्बर या लेबर को बोलके उस होल या छेद में वटरप्रूफिंग केमिकल भर के फिनिशिंग कर सकते हैं।

4 पाइप के जॉइंट के जगह चेक करना:

जब भी लीकेज होता हैं। उसका यह एक कारण हो सकता हैं। पाइप के जॉइंट लूज होंगे तो लीकेज शुरू हो सकता हैं। अगर जी आय की प्लंबिंग हैं। तो कुछ साल बाद यह प्रॉब्लम जरूर आति हैं। पाइप के जॉइंट की जगह जब गीलापन दिखेगा तो उस जहन की टाइल निकालकर रिपेरिंग कर कर सकते हैं।

5. टाइल के जॉइंट चेक करना:

अगर सब सही दिख रहा हैं। फिर भी पानी का गीलापन दूसरे रूम की दीवार पे दिख रहा हैं। तो कभी कभी टाइल के जॉइंट से भी पानी की लीकेज हो सकती हैं। उस टाइप की लीकेज जब बाथरूम का इस्तेमाल करते हो उसके बाद दिखती हैं, और 3-4 घंटे बाद फिर वो दीवार सुख जाती हैं। उस समय आप टाइल के जॉइंट भी चेक करके ले सकते हैं। अगर उनमे कई जगह पर जॉइंट खुले और उल्हदे हुए लग रहे हैं। तो आप उसमे व्हाइट सीमेंट और वॉटरप्रूफिंग केमिकल इस्तेमाल कर सकते हैं। आजकल बाजार में बहुत अच्छे वॉटरप्रूफिंग केमिकल मिलते हैं। आप सीधा उनका भी इस्तेमाल कर सकते हैं।


6. स्कैनर मशीन से लीकेज चेक करना:

यह एक नए जमाने की तकनीक हैं। जिसपर हम 100% फीसदी भरोसा कर सकते हैं। यह एक ऐसा स्कैनर हैं। जो आपको सटीक तरीके से लीकेज की सटीक जगह बताता हैं। यह मशीन आपके हर एक दीवार, फ्लोर को स्कैन करती हैं। उसके बाद आप आसानीसे उस जगह की रिपेरिंग कर सकते हैं।

ऊपर बताये तरीके से ढूंढने के बाद आप उसी पाइप या जगह  को आसानी से ढूंढ सकते हैं। उस जगह का टाइल निकालके पाइप को खुला करके रिपेयरिंग कर सकते हैं।

अगर इनमेसे कोई भी नुस्खा काम न करे तो अच्छे वॉटरप्रूफिंग कॉन्ट्रेक्टर से संपर्क करे। या नीचे दी गयी वॉटरप्रूफिंग केमिकल बनानेवाली कंपनी के साथ संपर्क करे। और साथ मे उनके प्रोडक्ट की गारंटी की पूछताछ करे। साथ मे क्वालिटी के रिपोर्ट की मांग करें। गारंटी के पेपर आपके पास रखें। काम शुरू करने के पहले उस कांट्रेक्टर को वर्कआर्डर दे, उसमे गारंटी, क्वालिटी, मटेरियल का नाम, और टाइप, केमिकल बनानेवाली कंपनी का नाम, काम शुरू करने की तारीख, काम पूरा करने की तारीख यह सब विवरण के साथ कांट्रेक्टर को वर्क आर्डर दे दो।


वॉटरप्रूफिंग केमिकल के कुछ अच्छे कंपनियों के नाम

1 BASF- Masterseal
2 Krytonite
3 Dr. Fixit -LEC
4 Newcoat
5 Super Thermolay App Membrane- Bridge Deck
6 Zentrifix
7 KEM Proof 87
8 Fibrex- PeterSeal
9 Fosroc- Proofex
10 Fosroc- Polyuresystem





Team
CBEC India